8वां वेतन आयोग चर्चा में, लेकिन मोदी सरकार ने डीए-डीआर बकाया पर साफ़ कर दी स्थिति
नई दिल्ली की संसद में सोमवार को एक सवाल ने कई केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की उम्मीदें फिर से जगा दीं — क्या महामारी के समय रोका गया महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) अब मिलेगा?
लेकिन जवाब उम्मीद के मुताबिक नहीं था।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने साफ़ कहा — “जनवरी 2020 से जून 2021 तक की तीनों किस्तों का भुगतान संभव नहीं है।”
क्यों रोका गया था डीए-डीआर का पैसा
कोविड-19 के दौरान, सरकार को एक मुश्किल फ़ैसला लेना पड़ा।
उस समय न सिर्फ़ स्वास्थ्य ढांचा खड़ा करना था, बल्कि करोड़ों लोगों तक राहत पैकेज, मुफ्त अनाज और टीकाकरण भी पहुंचाना था। इन कल्याणकारी योजनाओं के लिए पैसों की ज़रूरत थी, और सरकारी खज़ाने पर पहले से ही भारी दबाव था।
इसीलिए 1 जनवरी 2020, 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 से लागू होने वाली डीए-डीआर की तीन किस्तें फ्रीज़ कर दी गईं।
8वें वेतन आयोग से जुड़ी उम्मीदें
सरकार का यह बयान ऐसे समय आया है जब 8वें वेतन आयोग को लेकर चर्चाएं तेज़ हैं।
जनवरी 2025 में कैबिनेट ने इसे सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी, लेकिन इसका औपचारिक गठन अभी नहीं हुआ।
जैसा कि परंपरा है, नया वेतन आयोग लागू होने पर डीए घटक को शून्य से शुरू किया जाता है और फिर महंगाई के आधार पर धीरे-धीरे बढ़ाया जाता है। फिलहाल, सातवें वेतन आयोग के तहत डीए मूल वेतन का 55% है।
कर्मचारियों के लिए इसका मतलब
सरल शब्दों में — महामारी के दौरान रोका गया डीए-डीआर अब नहीं मिलेगा। लेकिन अगर 8वां वेतन आयोग लागू होता है, तो नया वेतन ढांचा आने के साथ डीए फिर से शून्य से गिना जाएगा।